23 Nov
दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मिलते हैं ये लाभ, जानें पाठ करने से जुड़े नियम

दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं और इस पाठ को करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। जो लोग सच्चे मन के साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं उन्होंने जीवन में धन, सुख- समृद्धि और यश की कभी भी कमी नहीं होती है। हालांकि आप इस पाठ को पढ़ते समय विशेष ध्यान रखें और इस पाठ को हमेशा विधि विधान के साथ ही करें।

दुर्गा सप्तशती से जुड़ी जानकारी 

दुर्गा सप्तशती पाठ में कुल 13 अध्याय होते हैं और ये 13 अध्याय तीन हिस्सों में बांटे होते हैं। दुर्गा सप्तशती पाठ की शुरूआत मधु कैटभ वध की कथा से शुरू होती है। इसके बाद इस पाठ में महिषासुर के वध की कथा आती है। महिषासुर के वध के बाद इस पाठ में शुम्भ निशुम्भ वध, सुरथ एवं वैश्य को मिले देवी के वरदान की कहानी बताई गई है।

दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मिलने वाले लाभ

ऐसा कहा जाता है कि जो लोग दुर्गा सप्तशती पाठ के प्रथम भाग को पढ़ते हैं उन्हें अपने जीवन की सभी परेशानियों से निजात मिल जाती है। जबकि जो लोग दुर्गा सप्तशती के दूसरे भाग का पाठ करते हैं उन्होंनेे विवादों से छुटकार मिल जाता है। दुर्गा सप्तशती के तीसरे पाठ को पढ़ने से दुश्मन पर विजय मिलती है। चौथे भाग को पढ़ने से मां दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है। पांचवें भाग को पढ़ने से मां की असीम अनुकंपा मिलती है। छठे और सातवें भाग को पढ़ने से मनोकामना पूर्ण हो जाती है। आठवें अध्याय का पाठ करने से मनचाहा साथी मिलता है। नवें अध्याय का पाठ करने से संतान का सुख मिलता है। दसवें अध्याय का पाठ करने से रोग से मुक्ती मिलती है। ग्यारहवें अध्याय का पाठ करने से धन की प्राप्ति होती है। बारहवें अध्याय का पाठ से मान-सम्मान मिलता है और तेरहवें अध्याय का पाठ करने से मां का कृपा सदा बनी रहती है।

इस तरह से करें दुर्गा सप्तशती का पाठ

इस पाठ को पढ़ने से पहले आप गणेश जी का नाम जरूर लें और गणेश जी का पूजन करने के बाद ही इस पाठ को पढ़ना शुरू करें।

इस पाठ को शुरू करते समय आप सबसे पहले मंदिर में कलश जरूर स्थापित करें और कलश का पूजन भी करें।

दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करने से पहले आप नर्वाण मंत्र ''ओं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे'' का जाप करें और जब पाठ खत्म हो जाए तो भी इस मंत्र का जाप करने के बाद ही उठें।

इस पाठ को आप लाल रंग के आसन पर बैठकर करें और सप्तशती पाठ की पुस्तक को लाल रंग के कपड़ा के ऊपर ही रखें। पाठ शुरू करने से पहले सप्तशती पाठ की पुस्तक की पूजा करें और इस पर कुंकुम,चावल और फूल चढ़ाएं।

दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय सही से इस पुस्तक में लिखे गए शब्दों का उच्चारण करें और इस पाठ को जोर-जोर से ना पढ़ें। पाठ करते समय अपने सिर को ढक्कर जरूर रखें।

पाठ पूरा करने के बाद आप सप्तशती पाठ की पुस्तक को विधि विधान के साथ मंदिर में रख दें।

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