13 Sep
एलोरा की गुफाएं

अगर आप घूमने फिरने के शौकीन हैं और आप ऐतिहासिक जगहों पर जाना पसंद करते हैं तो आपके लिए अंजता और एलोरा की गुफाएं एक अच्छी जगह साबित हो सकती हैं। अंजता और एलोरा की गुफाएं विश्व भर में प्रसिद्ध हैं और इन गुफाओं को देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं। इन गुफाओं में आपको सुंदर चित्रकारी और कई अद्भुत मूर्तियां देखने को मिलेंगी। महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के पास स्थित अंजता-एलोरा की गुफाएं हमारे देश की सबसे प्रसिद्ध धरोहरों में से एक है। ये गुफाएं वाघोरा नदी के समीप है और इस जगह पर आते ही आप अपने आपको इतिहास से जुड़ा हुआ महसूस करेंगे। अजंता और एलोरा की गुफाओं को चट्टानों को काटकर बनाया गया हैं और ऐसा माना जाता है कि इन गुफाओं को हजारों वर्ष पहले बनाया गया हैं। इन गुफाओं से जुड़ी एक कहानी के अनुसार इन गुफाओं के नीचे एक शहर बसा होता था।

इन गुफाओं को किस तरह से और कैसे बनाया गया होगा? ये सवाल इन गुफाओं को देखने के बाद हर किसी के मन में जरूर आता है। क्योंकि इन गुफाओं को बाखुबी के साथ  काटा गया है और इनमें मूर्ति और चित्र बनाए गए हैं। आज के समय में शायद ही इस तरह की कलाकारी कोई कर सके। ये गुफाएं विश्‍व विरासत स्‍थल की सूची में शामिल हैं और इनको यूनेस्को द्वारा 1983 से विश्‍व विरासत स्‍थल घोषित किया गया था। इन गुफाओं में आपको तीन धर्मों हिंदू, जैन और बौद्ध धर्मों से जुड़ी कई सारी चीजें देखने को मिलेंगी।

अंजता की गुफाएं

अंजता और एलोरा की गुफाएं दो अलग अलग जगहों पर हैं और ये दोनों गुफाएं औरंगाबाद शहर के पास स्थित हैं। अंजता की गुफाएं औरंगाबाद से 101 किलोमीटर दूरी पर है। अंजता सह्याद्रि की पहाडियों पर स्थित है। इन गुफाओं को साल 1819 में खोजा गया था। बताया जाता है कि आर्मी ऑफिसर जॉन स्मिथ एक बार शिकार पर गए हुए थे और तभी उनको ये गुफाएं दिखी थी। इस जगह पर उन्हें 29 गुफाएं मिली थी। इतिहासकारों के अनुसार इन गुफाओं को 'सातवाहन वंश' द्वारा बनवाया किया था। इस वक्त अजंता में 29 गुफाओं में से में केवल 6 ही मौजूद हैं। इन गुफा में आपको धर्म और संस्कृति का चित्रण देखने को मिलता है। अंजता की गुफाओं की दीवारों पर बेहद ही सुंदर चित्र बनें हैं जिनमें अप्सराएं बनाई गई हैं।

एलोरा की गुफाएं

एलोरा की गुफाएं बेसाल्टिक की पहाड़ी के समीप हैं और ये गुफाएं औरंगाबाद से 30 किलोमीटर दूरी पर हैं और ये गुफाएं 34 गुफाएं का समूह हैं। कहा जाता है कि इस गुफा को राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था। इन गुफाओं में हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म से जुड़ी चित्रण देखने को मिलते हैं। इस गुफा की दीवारों पर आपको बेहद ही सुंदर कलाकारी देखने को मिलेंगे और ऐसी कलाकारी शायद ही आपने कहीं और देखी होगी।

कैसे पहुँचें अजंता-एलोरा

महाराष्ट्र राज्य के कई शहरों से औरंगाबाद के लिए बस आसानी से मिल जाती हैं। औरंगाबाद पहुंचने के बाद वहां से आप अजंता और एलोरा जाने के लिए टैक्सी कर सकते हैं और एक दिन के अंदर ये दोनों गुफाएं देखकर वापस आ सकते हैं. दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, इंदौर जैसी जगह से रेल पकड़कर औरंगाबाद पहुंचा जा सकता है और फिर यहां से बस या टैक्सी के जरिए अजंता और एलोरा जाया जा सकता है। आप मुंबई तक के लिए हवाई जहाज ले सकते हैं और फिर टैक्सी से सीधा अजंता और एलोरा जा सकते हैं।

अजंता और एलोरा जाने का सबसे सही समय

अजंता और एलोरा की गुफाएं जाने के लिए सबसे उत्तम समय अक्टूबर से मार्च और जून से सितंबर के बीच का है। इस दौरान यहां का मौसम काफी अच्छा होता है। अप्रैल और मई में इस जगह पर काफी गर्मी पड़ती हैं। इसलिए आप इस दौरान यहां पर ना जाएं। साथ ही में सोमवार के दिन ये गुफाएं बंद होती हैं इसलिए आप इस दिन इन गुफाओं को देखने के लिए ना जाएं। इस जगह पर आपको रहने के लिए होटल भी आसानी से मिल जाएगी।

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